Supreme Court Judgment in Adani-Hindenburg Case News Today

अडानी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला; SEBI की जगह SIT जांच नहीं होगी, आदेश देने से इंकार, वजह बताई

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Adani-Hindenburg Case: बेहद चर्चित अडानी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने  केस में SIT जांच के आदेश से इंकार कर दिया है। साथ ही केस की जांच कर रही SEBI को और तीन महीने का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने SEBI से कहा है कि, अडानी-हिंडनबर्ग केस में 24 में से 2 लंबित मामलों की जांच तीन महीने के अंदर पूरी की जाये। इसलिए अब SEBI ही अडानी-हिंडनबर्ग केस की जांच को आगे बढ़ाएगी। केस में सेबी द्वारा ही जांच की जाएगी। मालूम हो कि, सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानि सेबी भारत में शेयर बाजार की नियामक संस्था है।

SIT को जांच सौंपने के लिए कोई ठोस आधार नहीं

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, अडानी-हिंडनबर्ग केस की जांच SEBI से SIT को सौंपने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है। इसलिए केस की जांच SIT को नहीं सौंपी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि, SEBI की जांच पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता है। क्योंकि SEBI एक्स्पर्ट्स की जांच में हितों का कोई टकराव नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच में दखल से इंकर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, सेबी के नियामक ढांचे में प्रवेश करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति सीमित है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेबी के काम में केवल समिति स्तर तक दखल दिया जा सकता है।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सेबी को नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा की गई सिफारिशों पर कार्य करने के लिए सेबी विचार करे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कह दिया कि अगर हिंडनबर्ग ने गड़बड़ी की है तो इसकी भी जांच की जाये। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की हिंडनबर्ग केस में अडानी के खिलाफ अब तक कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अडानी का ट्वीट

हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आने के बाद अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी का एक ट्वीट सामने आया है। गौतम अडानी ने ट्वीट करते हुए लिखा- "सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा।" बता दें कि, इससे पहले अडानी-हिंडनबर्ग केस में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवम्बर को अपना फैसला सुरखित रख लिया था। CJI की अध्यक्षता में 3 जजों की बेंच केस में सुनवाई कर रही है।  

मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने समिति बनाई

बता दें कि, इसी साल जब हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर हो-हल्ला मचा तो यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया. जहां 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस पूरे मामले में एक्शन के साथ जांच खोल दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अगुवाई में विशेषज्ञों की 6 सदस्यीय एक जांच समिति का गठन किया था। वहीं कोर्ट ने सेक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) को भी जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।

अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में क्या?

बतादें कि, अमेरिका की Hindenburg Research नाम की इस कंपनी ने गौतम अडानी की दुनिया हिलाकर रख दी थी। अचानक कुछ ऐसा भी होगा... गौतम अडानी ने शायद सोचा नहीं था। दरअसल, अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की जो रिपोर्ट आई उसमें दावा किया गया कि अडानी ग्रुप निवेशकों के साथ धोखधड़ी कर रहा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया कि, अडानी ग्रुप ने शेयरों के दाम में छेड़छाड़ की है। विदेशी कपनियों के जरिये मुनाफाखोरी की है और इस तरह से शेयर मार्केट में सबसे बड़ा घोटाला किया है। साथ ही रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के कर्ज और लेनदेन को भी उजागर किया गया।  

बता दें कि हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट आने के बाद ही गौतम अडानी की दौलत-शोहरत गोते पर गोते खाने लगी। अडानी ग्रुप (Adani Group) मार्केट में भारी गिरावट झेलने लगा। शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों की बुरी हालत हो गई। गौतम अडानी को शेयर बाजार में बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। इस बीच गौतम अडानी को मार्केट से अपने कदम पीछे लेने को मजबूर भी होना पड़ा। हालांकि, हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट को अडानी ग्रुप ने लगातार झूठ का पुलिंदा ही बताया. गौतम अडानी ने कहा कि, सभी आरोप झूठ के सिवाय कुछ नहीं हैं। यह भारत के विकास पर सुनियोजित हमला है। बताते हैं कि, हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा इससे पहले इसी तरह कई और नामी ग्रुपों की भी लंका लगाई जा चुकी है।